फास्ट फूड आपके ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है. सूजन बढ़ा सकता है और इसका मतलब यह हो सकता है कि आप पर्याप्त पोषक तत्व नहीं खा रहे हैं. फास्ट फूड से भरपूर आहार पाचन, प्रतिरक्षा, सूजन, हृदय स्वास्थ्य और मोटापे से जुड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है.फास्ट फूड से दिल का दौरा, स्ट्रोक और अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ सकता है. यह इंसुलिन का उत्पादन करने की अग्न्याशय की क्षमता को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
कुछ फास्ट फूड आइटम दूसरों की तुलना में बेहतर होते हैं. आप अपने फास्ट फूड की खपत को सीमित करने की कोशिश कर सकते हैं और उन चीजों की तलाश कर सकते हैं जिनमें नमक, वसा, चीनी और कुल कार्बोहाइड्रेट कम हों. आप ग्रिल्ड या रोस्टेड लीन मीट जैसे टर्की, चिकन ब्रेस्ट, लीन हैम या लीन रोस्ट बीफ़ का विकल्प भी चुन सकते हैं.
पिज्जा, बर्गर, फ्राइज, पैक्ड चिप्स, रेड मीट, बेकन, हॉट डॉग्स और सॉसेज जैसे जंक और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड खाने वालों के लिए चेतावनी आई है. ऐसे लोगों की याददाश्त गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है. मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी में पाया कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स (Ultra Processed Foods) की थोड़ी सी भी मात्रा याददाश्त कमजोर होने और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा देती है.
पिछले दिनों अमेरिका में अल्जाइमर्स एसोसिएशन की इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में भी एक रिसर्च पेश की गई. 43 सालों तक चली इस रिसर्च में बताया गया कि ज्यादा मात्रा में अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड खाने वालों में डिमेंशिया का खतरा गंभीर है. जिसमें याददाश्त और सोचने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित हो जाती है.
मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल की रिपोर्ट क्या कहती है
डॉ. डब्ल्यू टेलर किम्बर्ली के नेतृत्व में न्यूरोलॉजी में पब्लिश इस रिसर्च में पाया गया कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स के साइड इफेक्ट्स के बारें में बताया गया है. इससे पहले रिसर्च में जंक फूड को मोटापे, हार्ट डिजीज और डायबिटीज के लिए जिम्मेदार पाया गया था. हालांकि, नई स्टडी में इसे मेमोरी से जोड़ा गया है.
मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है जंक फूड
रिसर्च में पाया गया कि जंक फूड यानी अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स दिमाग को बुरी तरह प्रभावित करती है. हालांकि, अभी इस पर ज्यादा रिसर्च की जरूरत है. इस रिसर्च में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खाने और कॉन्गेटिव गिरावट या स्ट्रोक के जोखिम के बीच संबंध साबित नहीं किया लेकिन उम्र बढ़ने के साथ दिमाग की सेहत में हेल्दी आहार को महत्व को बताता है.
ये भी पढ़ें : क्या होता है स्लीप मैकसिंग?.क्या इसकी वजह से वाकई आपको मिल सकती है गुड नाइट स्लीप, जानें इसके बारे
रिसर्च में क्या पाया गया
इस रिसर्च में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स ज्यादा खाने से स्ट्रोक का रिस्क में 8 प्रतिशत तक का इजाफा देखा गया. अध्ययन में यह भी पाया गया कि जितनी कम मात्रा में इस तरह की चीजें खाई जाएंगी, सोचने-समझने की क्षमता को नुकसान पहुंचने का रिस्क 12 प्रतिशत और स्ट्रोक का रिस्क 9 प्रतिशत तक कम हो सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Myths Vs Facts: पीरियड्स के दौरान मीठा खाने की क्रेविंग प्रेग्नेंसी के लक्षण तो नहीं? जानें क्या है पूरा सच