Navratri Mundan: नवरात्रि में बाल नहीं काटते लेकिन मुंडन संस्कार क्यों है शुभ

Life Style

Navratri 2025 Mundan: नौ दिनों में देवी आदिशक्ति की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति होती है. मां दुर्गा की पूजा में पवित्रता और स्वच्छता बेहद जरुरी होती है, इसके अलावा माता का आशीर्वाद पाना है तो नवरात्रि में नौ दिन तक दाढ़ी, बाल और नाखून न काटने सलाह दी जाती है. नवरात्रि में बाल काटना वर्जित है लेकिन फिर भी छोटे बच्चों का मुंडन नवरात्रि में करना क्यों शुभ माना जाता है. नवरात्रि में मुंडन करने से क्या लाभ होता है.

मुंडन क्यों किया जाता है

मुंडन को चूड़ाकर्म संस्कार भी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार मुंडन संस्कार कराने से बच्चे का मानसिक विकास होता है, दरअसल गर्म में शिशु पर जो बाल आते हैं वो अपवित्र माने गए हैं और मुंडन संस्कार के माध्यम से शिशु के बालों को पवित्र किया जाता है.

नवरात्रि में मुंडन संस्कार महत्व

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से शुरू होने वाली है. नवरात्रि का पर्व नई शुरुआत का प्रतीक है. मुंडन कराने से बच्चे को एक नए जीवन के चरण में प्रवेश करने का अवसर मिलता है. ऐसे में नवरात्रि में बच्चों का मुंडन कराने से छोटे बच्चों पर मां आदिशक्ति की कृपा बनी रहती है. साथ ही वह सौभाग्यशाली होता है, उस पर ग्रहदोष के प्रभाव नहीं पड़ते ऐसी मान्यता है. सिद्धियां प्राप्त करने का मार्ग सुलभ होता है.

नवरात्रि के दौरान मुंडन संस्कार की परंपरा बेहद पुरानी है. मान्यता है कि मुंडन बच्चे को शुद्ध करने और किसी भी नकारात्मक ऊर्जा या प्रभाव को दूर करने का एक तरीका माना जाता है.

नवरात्रि में मुंडन कैसे करें

मुंडन संस्कार में घर के आंगन में तुलसी के पास या फिर किसी धार्मिक स्थल जैसे माता के मंदिर में कर सकते है.
मां बच्चे को अपनी गोद में लेकर उसका मुंह पश्चिम दिशा में हवन की अग्नि की तरफ रखती है.
 इसके बाद बच्चे के बाल उतारे जाते हैं और फिर गंगाजल से उसका सिर धोकर हल्दी का लेप लगाया जाता है. फिर उसे नए कपड़े पहनाए जाते हैं.

Holashtak 2025 Date: होलाष्टक 6 मार्च से, 8 दिन फैलती है नकारात्मक ऊर्जा, जानें क्या करें, क्या नहीं

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

SHARE NOW