SBI Hikes Lending Rate: एसबीआई ने कर्ज लेने वालों को दिया झटका! 15 नवंबर से बढ़ा दी ब्याज दरें

Business

SBI Rate Hike: देश के सबसे बड़ी सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) से कर्ज लेना महंगा हो गया है. एसबीआई ने 15 नवंबर 2024 यानि आज से कर्ज पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का एलान किया है. बैंक ने लेटेस्ट मॉर्जिन कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) की घोषणा करते हुए ब्याज दरों में 5 बेसिस प्वाइंट्स तक की बढ़ोतरी की है जो आज से ही लागू हो चुका है. 

कितना बढ़ा लेंडिंग रेट? 

भारतीय स्टेट बैंक ने अपना नया मॉर्जिन कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (Marginal Cost Of Funds Based Lending Rate) जारी किया है उसके मुताबिक, तीन महीने के टेन्योर वाले मौजूदा एमसीएलआर को 8.50 फीसदी से बढ़ाकर 8.55 फीसदी कर दिया गया है. छह महीने वाले एमसीएलआर को 8.85 फीसदी से बढ़ाकर 8.90 फीसदी कर दिया गया है और एक साल की अवधि वाले एमसीएलआर को 8.95 फीसदी से बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया गया है. दो साल और तीन साल के टेन्योर वाले एमसीएलआर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. दो साल की अवधि वाले कर्ज का एमसीएलआर रेट 9.05 फीसदी और 3 साल का 9.10 फीसदी है. 

ग्राहकों पर क्या होगा असर?

भारतीय स्टेट बैंक ने मॉर्जिन कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स में बदलाव की जानकारी को वेबसाइट पर साझा किया है. इस रेट के आधार पर बैंक कार लोन और पर्सनल लोन जैसे की ब्याज दरों को निर्धारित करते हैं. मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट में किसी तरह के बदलाव का सीधा असर होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), एजुकेशन लोन (Education Loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan)  की ईएमआई पर पड़ता है.  एसबीआई के ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले से अब ग्राहकों को पहले से ज्यादा ईएमआई (EMI) का भुगतान करना होगा. ऑटो लोन, पर्सनल लोन जैसे छोटी अवधि वाले लोन पर ब्याज दरें बैंक मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट के आधार पर तय करते हैं. लेकिन होम लोन जैसे लंबी अवधि वाले लोन पर ब्याज दरों आरबीआई के पॉलिसी रेट रेपो रेट के आधार पर तय होता है. रेपो रेट के बढ़ने पर होम लोन की ब्याज दरों बढ़ जाती है तो रेपो रेट के घटने पर ब्याज दरें कम हो जाती है.   

ये भी पढ़ें 

Reliance Power: अनिल अंबानी की रिलायंस पावर मुश्किल में, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ने थमाया नोटिस, कंपनी ने दी सफाई

SHARE NOW