जिले के पुलिस महकमे में एसएसपी या एसपी के बाद डीएसपी यानी डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस एक अहम पद माना जाता है. इस अधिकारी के अधीन दो से लेकर चार थानों का क्षेत्र आता है जिनमें होने वाली हर गतिविधि की निगरानी या सुपरविजन इनकी जिम्मेदारी है. आइये जानते हैं एक युवा कैसे डीएसपी बन सकता है….
इन परीक्षाओं को पास कर बन सकते हैं डीएसपी
डीएसपी दो तरह से बना जा सकता है. पहला तरीका है संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा पास कर के. इस परीक्षा को पास करके जो युवा आईपीएस सेवा को चुनते हैं, उन्हें तकरीबन साल भर फील्ड में बतौर सर्किल प्रभारी काम करना होता है. हालांकि तब उन्हें डीएसपी की बजाय एएसपी कहा जाता है लेकिन होते वह समकक्ष ही हैं. वहीं, राज्य की सिविल सेवा परीक्षा के जरिये भी सीधे डीएसपी बना जा सकता है.
कहां तक हो सकती है पदोन्नति?
सिविल सेवा परीक्षा वाले अधिकारी को डीएसपी के बाद अगली पोस्टिंग एसपी के पद पर मिलती है. वहीं, डीएसपी को लंबे सेवाकाल के बाद एडिशनल एसपी, फिर एसपी और फिर काफी सालों की सेवा के बाद आईपीएस अधिकारी बनने का मौका मिल जाता है. ये अधिकारी अधिकतम डीआईजी या आईजी के पद तक पहुंंच पाते हैं.
इतना मिलता है वेतन
डिप्टी एसपी का प्रारंभिक वेतन 7वें वेतन आयोग के अनुसार लगभग 56,100 रुपये से शुरू होता है. अन्य भत्ते जोड़ने पर मासिक वेतन 70,000 से 1,10,000 रुपये तक हो सकता है. वेतन अनुभव और प्रमोशन के साथ बढ़ता जाता है.
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डिप्टी एसपी को मिलती हैं ये सब सुविधाएं
डीएसपी को पुलिस विभाग द्वारा सरकारी आवास प्रदान किया जाता है. इसके अलावा ड्यूटी के लिए वाहन, निशुल्क मेडिकल सुविधा, सिक्योरिटी गार्ड, सर्वेंट अलाउंस के अलावा वर्दी के अलावा अन्य आवश्यक उपकरण मुहैया कराए जाते हैं.
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