हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य में जिला, उपमंडल और पंचायत स्तर पर आधुनिक पुस्तकालय स्थापित करने की घोषणा की है. पहले चरण में करोड़ो रुपये की लागत से करीब 500 पुस्तकालयों की योजना बनाई गई है. उन्होंने उच्च रैंकिंग वाले संस्थानों के लिए प्रदर्शन आधारित अनुदान की भी घोषणा की है. राज्य सरकार कॉलेज प्राचार्यों की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों को बढ़ाने तथा शिक्षा विभाग में विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देने की योजना बना रही है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में जिला, उपमंडल और पंचायत स्तर पर उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित आधुनिक पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे. पहले चरण में 88 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 493 पुस्तकालयों की योजना बनाई गई है. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्राचार्यों के सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने उच्च रैंकिंग वाले संस्थानों के लिए प्रदर्शन आधारित अनुदान की घोषणा की. सरकारी डिग्री और संस्कृत कॉलेजों में पुस्तकालयों की ग्रेडिंग जारी करते हुए उन्होंने सभी सरकारी क्षेत्रों में प्रणालीगत बदलाव के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई.
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ये योजना बना रही सरकार
सीएम का कहना है कि हिमाचल प्रदेश शैक्षणिक संस्थानों के लिए रैंकिंग प्रणाली शुरू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कॉलेज प्राचार्यों की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों को बढ़ाने तथा शिक्षा विभाग में विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देने की योजना बना रही है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बिना डिग्री का कोई मूल्य नहीं है.
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इतने शिक्षकों के पद सृजित
सीएम ने राज्य सरकार चिकित्सा शिक्षा के आधुनिकीकरण तथा नवीनतम चिकित्सा प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए भी अभिनव कदम उठा रही है तथा इस वर्ष इस क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान लगभग 15,000 शिक्षकों के पद सृजित किए गए हैं तथा इन्हें चरणबद्ध तरीके से भरा जा रहा है.
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