SSC GD कॉन्स्टेबल भर्ती की आंसर Key जारी, इस डेट तक दर्ज कर सकते हैं आपत्ति

कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने SSC GD कॉन्स्टेबल 2025 परीक्षा की संभावित उत्तर कुंजी (Answer Key) और उम्मीदवारों के प्रतिक्रिया पत्रक (Response Sheet) जारी कर दिए हैं. परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार अब आधिकारिक वेबसाइट ssc.gov.in पर जाकर अपनी उत्तर कुंजी डाउनलोड कर सकते हैं.

SSC ने अपनी आधिकारिक अधिसूचना में कहा, “उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया पत्रक और प्रोविजनल आंसर की अब आयोग की वेबसाइट (https://ssc.gov.in) पर उपलब्ध हैं. उम्मीदवार अपने पंजीकरण लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके चेक कर सकते हैं.

9 मार्च तक उठा सकते हैं आपत्ति

जिन उम्मीदवारों को उत्तर कुंजी में किसी प्रकार की त्रुटि लगती है, वे 4 मार्च से 9 मार्च 2025 शाम 6 बजे तक प्रति प्रश्न ₹100 का शुल्क देकर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. आयोग ने स्पष्ट किया है कि 9 मार्च के बाद प्राप्त किसी भी आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा. SSC ने उम्मीदवारों को सलाह दी है कि वे अपनी रिस्पांस शीट और उत्तर कुंजी का प्रिंटआउट समय सीमा से पहले ले लें, क्योंकि उसके बाद यह उपलब्ध नहीं होगी.

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SSC GD 2025 परीक्षा का आयोजन

SSC द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), SSF, असम राइफल्स में राइफलमैन (GD) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) में सिपाही के पदों पर भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा 4 फरवरी से 25 फरवरी 2025 तक देशभर के विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की गई थी.

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SSC GD 2025 उत्तर कुंजी कैसे डाउनलोड करें?

  1. उम्मीदवार सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट ssc.gov.in पर जाएं.
  2. इसके बाद लॉगिन या रजिस्टर टैब पर क्लिक करें.
  3. अब उम्मीदवार यूज़रनेम और पासवर्ड दर्ज कर लॉगिन करें.
  4. फिर उम्मीदवार “मेरे आवेदन” सेक्शन में जाएं और “उत्तर कुंजी चुनौती” पर क्लिक करें.
  5. इसके बाद उम्मीदवार चुनौती प्रणाली के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
  6. फिर उम्मीदवार रोल नंबर और पासवर्ड दर्ज कर लॉगिन करें.
  7. भुगतान प्रक्रिया पूरी करें और शुल्क जमा करें.
  8. आपत्ति दर्ज करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें.
  9. अपनी दर्ज की गई चुनौतियों का स्क्रीनशॉट लें और पेज सेव रखें.

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सैलरी चली गई चौथे नंबर पर…अब इन वजहों से नौकरी छोड़ रहे हैं प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी

रैंडस्टैड इंडिया के एक हालिया सर्वे में भारतीय वर्क फोर्स की प्राथमिकताओं में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. ‘वर्कमॉनिटर 2025’ सर्वे के मुताबिक, 52 फीसदी कर्मचारी उन नौकरियों को छोड़ने के लिए तैयार हैं, जो उन्हें वर्क प्लेस पर फ्लेक्सिबिलिटी नहीं देतीं. इसके अलावा, 60 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनके मैनेजर के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं हैं, तो वे नौकरी छोड़ सकते हैं.

फ्लेक्सिबिलिटी अब बेसलाइन एक्सपेक्टेशन

सर्वे के मुताबिक, पारंपरिक कारण जैसे सैलरी अब पीछे छूट रही हैं. कर्मचारी अब वर्कप्लेस फ्लेक्सिबिलिटी, सीखने और विकास के अवसर (L&D) और वर्क प्लेस पर एक समावेशी संस्कृति को ज्यादा महत्व दे रहे हैं. न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रैंडस्टैड इंडिया के MD और CEO विश्वनाथ PS ने कहा, “फ्लेक्सिबिलिटी अब एक लाभ नहीं है, बल्कि सभी आयु वर्ग के कर्मचारियों की बेसलाइन एक्सपेक्टेशन बन गई है.”

कर्मचारियों की नई प्राथमिकताएं

सर्वे में यह बात सामने आई कि कर्मचारी अब सिर्फ वेतन से ज्यादा अपने व्यक्तिगत मूल्यों और जीवन के लक्ष्यों के साथ मेल खाने वाले काम को महत्व दे रहे हैं. नौकरी की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और वर्क-लाइफ बैलेंस जैसे कारक अब ज्यादा मायने रखते हैं. वेतन अब महत्व के मामले में चौथे स्थान पर खिसक गया है.

ऑफिस कल्चर और सीखने के अवसर

सर्वे के अनुसार, 69 फीसदी भारतीय कर्मचारी वर्क प्लेस पर एक समावेशी संस्कृति (Inclusive Culture) को प्राथमिकता देते हैं. वहीं, 67 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनकी नौकरी में सीखने और विकास के अवसर नहीं हैं, तो वे इसे छोड़ देंगे. AI ट्रेनिंग को लेकर भी भारतीय कर्मचारियों में काफी दिलचस्पी है. 43 फीसदी भारतीय कर्मचारियों ने AI ट्रेनिंग को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण L&D अवसर बताया, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा सिर्फ 23 फीसदी है.

फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स की मांग

भारत में सभी पीढ़ियों के कर्मचारी फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स को लेकर वैश्विक औसत से कहीं ज्यादा सजग हैं. जेन जी (62 फीसदी) और मिलेनियल्स (66 फीसदी) के बीच फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स की मांग सबसे ज्यादा है. जेन जी के लिए डिजिटल-फर्स्ट जॉब मार्केट में लंबे कम्यूट और काम के दबाव के कारण वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखना जरूरी है. वहीं, मिलेनियल्स बच्चों की देखभाल और घरेलू जिम्मेदारियों के साथ काम को बैलेंस करने के लिए फ्लेक्सिबिलिटी चाहते हैं.

वैल्यू अलाइनमेंट भी है जरूरी

सर्वे में यह भी पता चला कि 70 फीसदी कर्मचारी उस संगठन के लिए काम नहीं करना चाहते, जो उनके सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों के साथ मेल नहीं खाता. इसके अलावा, 58 फीसदी कर्मचारियों ने टॉक्सिक वर्क एनवायरनमेंट के कारण नौकरी छोड़ी है, जबकि 53 फीसदी ने व्यक्तिगत विचार साझा करने में असहज महसूस करने के कारण ऐसा किया.

संगठनों के लिए चुनौती

विश्वनाथ PS ने कहा, ‘भारतीय वर्क प्लेस में पीढ़ीगत अंतर कम हो रहा है और डेटा स्पष्ट है. फ्लेक्सिबिलिटी अब एक लाभ नहीं है, बल्कि सभी आयु वर्ग के कर्मचारियों की बेसलाइन एक्सपेक्टेशन है. संगठनों को इस बदलाव को समझना होगा और अपनी रणनीतियों को नए तरीके से ढालना होगा. जो ऐसा नहीं करेंगे, वे टॉप टैलेंट को खो देंगे.’

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गांव, गाय और क्रांति से खड़ी हुई ये कंपनी, आज हर घर में सुबह-सुबह पहुंच जाता है इसका प्रोडक्ट

Amul Success Story: भारत में दूध और डेयरी उत्पादों का नाम आते ही सबसे पहले जो ब्रांड दिमाग में आता है, वह है AMUL. यह न सिर्फ एक ब्रांड है, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता और सहकारिता की एक मिसाल है. AMUL, जिसका पूरा नाम ‘आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड’ है, ने न सिर्फ भारत को ‘दूध की कमी’ वाले देश से ‘दूध का सबसे बड़ा उत्पादक’ बनने की राह दिखाई, बल्कि लाखों किसानों की जिंदगी भी बदल दी. यह कहानी है AMUL की सफलता की, जो आज दुनिया भर में एक मॉडल के तौर पर पहचानी जाती है.

एक सपना और संघर्ष

AMUL की नींव 1946 में रखी गई थी, जब गुजरात के खेड़ा जिले के किसानों ने अन्यायपूर्ण व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई. उस समय ब्रिटिश शासन और बड़े डेयरी व्यवसायियों के चंगुल में फंसे किसानों को दूध के लिए उचित दाम नहीं मिलते थे. इस स्थिति से तंग आकर सरदार वल्लभभाई पटेल और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में किसानों ने एक सहकारी समिति बनाई, जिसका नाम रखा गया ‘खेड़ा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन लिमिटेड’. इसी संगठन ने आगे चलकर AMUL का रूप लिया.

डॉ. वर्गीज कुरियन, जिन्हें ‘भारत की श्वेत क्रांति के जनक’ के रूप में जाना जाता है, ने इस आंदोलन को नई दिशा दी. उनके नेतृत्व में AMUL ने न सिर्फ किसानों को उचित दाम दिलाए, बल्कि दूध के उत्पादन और वितरण में भी क्रांति ला दी.

दूध क्रांति की शुरुआत

1970 में शुरू हुए ‘ऑपरेशन फ्लड’ ने AMUL की सफलता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. यह दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम था, जिसका उद्देश्य भारत को दूध के मामले में आत्मनिर्भर बनाना था. इस कार्यक्रम के तहत AMUL ने गांव-गांव में डेयरी सहकारी समितियों का नेटवर्क बनाया. किसानों को प्रशिक्षण दिया गया, दूध की गुणवत्ता सुधारने के लिए तकनीकी सहायता मुहैया कराई गई और एक कुशल आपूर्ति श्रृंखला विकसित की गई.

ऑपरेशन फ्लड की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 1970 में भारत दूध की कमी वाला देश था, लेकिन 1998 तक यह दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया. AMUL ने इस क्रांति में अग्रणी भूमिका निभाई.

AMUL का बिजनेस मॉडल

AMUL की सफलता का राज इसके अनूठे बिजनेस मॉडल में छुपा है. यह मॉडल ‘सहकारी समितियों’ पर आधारित है, जिसमें किसान सीधे तौर पर जुड़े होते हैं. AMUL के पास आज 36 लाख से ज्यादा किसान सदस्य हैं, जो हर रोज करोड़ों लीटर दूध का उत्पादन करते हैं.

इस मॉडल की खास बात यह है कि इसमें किसानों को दूध का उचित दाम मिलता है और वे उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक की पूरी प्रक्रिया में शामिल होते हैं. AMUL ने डेयरी उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला विकसित की है, जिसमें दूध, दही, मक्खन, पनीर, आइसक्रीम और चॉकलेट जैसे उत्पाद शामिल हैं.

‘द टेस्ट ऑफ इंडिया’

AMUL ने न सिर्फ उत्पादन में, बल्कि ब्रांडिंग और मार्केटिंग में भी नए मानदंड स्थापित किए हैं. AMUL का मशहूर नारा ‘उत्तम दूध, उत्तम स्वास्थ्य’ और ‘द टेस्ट ऑफ इंडिया’ ने इसे घर-घर में पहचान दिलाई. AMUL की मास्कट ‘अमुल गर्ल’ और उसके विज्ञापनों ने भारतीय जनमानस पर गहरी छाप छोड़ी है.

वैश्विक पहचान और भविष्य

आज AMUL न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया भर में एक विश्वसनीय ब्रांड है. इसने निर्यात के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई है. AMUL की सफलता ने साबित किया है कि सहकारिता और सामूहिक प्रयास से किसानों की जिंदगी बदली जा सकती है. भविष्य में AMUL नई तकनीकों और इनोवेशन के जरिए अपने उत्पादों को और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है. डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और ई-कॉमर्स के जरिए AMUL ने अपनी पहुंच को और व्यापक बनाया है.

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Ramadan 2025 Sehri-Iftar Time: रमजान का चौथा रोजा, देखें दिल्ली, मुंबई, लखनऊ समेत अपने शहर के सहरी-इफ्तार का समय

Ramadan 2025 Sehri-Iftar Time Day 4: माह-ए- रमजान की शुरुआत 2 मार्च 2025 से हो चुकी है. रमजान ऐसा महीना है जिसे इबादत, सब्र, नेकी और आत्मसंयम का इम्तिहान माना जाता है. रमजान में रोजा रखना हर मुसलमान पर फर्ज है, क्योंकि रोजा इस्लाम के पांच स्तंभों में एक है. लेकिन मुसलमानों के लिए रोज […]

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आपकी बुरी आदतों के लिए ये वाला हार्मोन है जिम्मेदार, शराब या सिगरेट पीते ही होता है रिलीज

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गांजा फूंकने के मामले में फंस गए IITian बाबा, जानें ये दिमाग के लिए कितना खतरनाक

हाल ही में संपन्न महाकुंभ मेले के दौरान चर्चा में आए आईआईटी बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह को जयपुर में गांजा (मारिजुआना) रखने के आरोप में कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया. उनके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. जयपुर पुलिस कमिश्नर […]

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घर बैठे ऐसे कर सकते हैं अपने फैटी लिवर की जांच, तुरंत खुल जाएगी सेहत की पोल

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सर्दी-खांसी और जुकाम को हल्के में न लें, डॉक्टर ने बता दी लोगों के अचानक बीमार होने की वजह

देश के कई राज्यों में बदलते मौसम के साथ ही मौसमी बीमारियों का कहर भी शुरू हो चुका है. मौसमी बीमारियों में खासतौर से बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम और निमोनिया के मरीजों की लंबी लाइन अस्पतालों में देखने को मिल रही है. हर सरकारी अस्पताल में हजारों मरीजो की ओपीडी देखने को मिल रही है. […]

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IND vs AUS Semi-final: क्या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वरुण चक्रवर्ती खेलेंगे? जानें रोहित शर्मा का रूख

Rohit Sharma On Varun Chakaravarthy: चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैदान पर उतरेगी. दोनों टीमें दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में आमने-सामने होंगी. लेकिन इस मैच में भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन क्या होगी? क्या वरुण चक्रवर्ती को मौका मिलेगा? क्या भारतीय टीम 4 स्पिनरों के साथ उतरेगी? दरअसल, न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया 4 स्पिनरों के साथ उतरी थी. उस मैच में वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा और वरुण चक्रवर्ती प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे. न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 विकेट लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में वरुण चक्रवर्ती की जगह पक्की नहीं है.

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने क्या कहा?

रोहित शर्मा ने कहा कि हमें वास्तव में यह सोचने की जरूरत है कि अगर हम चार स्पिनरों के साथ खेलना भी चाहें तो हम चार स्पिनरों को कैसे शामिल कर सकते हैं? मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि हम यहां के हालात से अच्छी तरह वाकिफ हैं. हम जानते हैं कि क्या काम करता है और क्या नहीं… हालांकि, रोहित शर्मा ने वरुण चक्रवर्ती की जमकर तारीफ की. भारतीय कप्तान ने कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने दिखाया कि वह क्या कर सकता है, लेकिन यह समय हमारे लिए सही कॉम्बिनेशन चयन करने का है. हम बेहतर से बेहतर प्लेइंग इलेवन के साथ उतरना चाहते हैं.

न्यूजीलैंड के खिलाफ 4 स्पिनरों के साथ उतरी थी टीम इंडिया

न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती और अक्षर पटेल ने 10-10 ओवर डाले. कुलदीप यादव ने 9.3 ओवर गेंदबाजी की. इसके अलावा रवींद्र जडेजा ने 8 ओवर डाले. इस तरह भारतीय टीम के स्पिनरों ने 37.3 ओवर किए. वरुण चक्रवर्ती ने 5 विकेट लिए. कुलदीप यादव को 2 कामयाबी मिली. इसके अलावा अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा और हार्दिक पांड्या ने 1-1 बल्लेबाज को आउट किया. बहरहाल, यह देखना मजेदार होगा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन क्या होती है?

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IND vs AUS Semi-final: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले दुबई की पिच में बड़ा बदलाव, टीम इंडिया की बढ़ेंगी मुश्किलें?

Dubai Stadium Pitch, IND vs AUS: आज चैंपियंस ट्रॉफी का पहला सेमीफाइनल खेला जाएगा. दोनों टीमें दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में आमने-सामने होंगी. भारतीय समयनुसार मैच दोपहर 2.30 बजे शुरू होगा. बहरहाल, आज दुबई की पिच कैसी होगी? क्या बल्लेबाज आसानी से रन बनाएंगे या फिर गेंदबाज कहर बरपाएंगे? साथ ही भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल किस पिच पर खेला जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल नई पिच पर खेला जाएगा. इस तरह ग्राउंड में बदलाव नहीं होगा, लेकिन पिच बदला-बदला नजर आएगा.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नई पिच पर खेलेगी भारतीय टीम

दरअसल, इससे पहले भारतीय टीम बांग्लादेश और पाकिस्तान के खिलाफ अलग-अलग पिच पर खेली. लेकिन अगर भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल नई पिच पर होता है तो हालात कितने बदले नजर आएंगे? क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि अगर नई पिच पर मैच होता है तो पिच का मिजाज बदला-बदला नजर आएगा. यह पिच फिर उस तरह नहीं खेलेगी, जिस तरह बांग्लादेश, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली. इस पिच के स्वाभाव में बदलाव आ जाएगा. वहीं, इस समय आईसीसी की देखरेख में एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड नई पिच तैयार करने में लगा है. साथ ही ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू सैंड्री क्यूरेटर की भूमिका निभा रहे हैं.

अगर ऐसा हुआ तो टीम इंडिया को लगेगा झटका

दरअसल, न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया 4 स्पिनरों के साथ उतरी थी. उस मैच में वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा और वरुण चक्रवर्ती प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे. अगर नई पिच हुई तो स्पिनरों के लिए बॉल टर्न करवाना आसान नहीं होगा. ऐसे में भारतीय टीम के लिए बड़ा झटका माना जाएगा, क्योंकि स्पिन बॉलिंग भारतीय टीम का मजबूत पक्ष रहा है. इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ वरुण चक्रवर्ती ने 5 विकेट लिए थे. अगर पिच के स्वाभाव में बदलाव हुआ तो वरुण चक्रवर्ती के साथ-साथ अन्य भारतीय स्पिनरों के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी.

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IND vs AUS Semi-final: ‘अगर टीम इंडिया ऐसा करने में कामयाब रही तो…’, पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने बताया जीत का फॉर्मूला

Sanjay Manjrekar On Travis Head: आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी के पहले सेमीफाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने होंगी. दोनों टीमें सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में जगह बनाना चाहेगी. अब सवाल है रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया का चैलेंज कितना बड़ा है? पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल पर अपनी बात रखी. संजय मांजरेकर ने कहा कि भारतीय टीम के लिए ट्रेविस हेड सबसे बड़ा खतरा हैं. भारत के गेंदबाज जल्द से जल्द ट्रेविस हेड को पवैलियन भेजना चाहेंगे. अगर भारतीय गेंदबाज ट्रेविस हेड को जल्दी आउट कर लेते हैं तो काम आसान हो जाएगा.

‘ट्रेविस हेड को कोई भारतीय गेंदबाज जल्दी आउट करें…’

ESPNCricinfo के साथ बातचीत में संजय मांजरेकर ने कहा कि वनडे वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में ट्रेविस हेड की शतकीय पारी ने ऑस्ट्रेलिया को चैंपियन बना दिया. उस मैच में ट्रेविस हेड ने 137 रन बनाए थे. संजय मांजरेकर कहते हैं ट्रेविस हेड को कोई भारतीय गेंदबाज जल्दी आउट करें, चाहें वो जो भी हों… ट्रेविस हेड एक ऐसा खिलाड़ी है, जिसे भारतीय टीम जल्द से जल्द पवैलियन वापस भेजना चाहेगी. दरअसल, भारत के खिलाफ ट्रेविस हेड के आंकड़े हैरान करने वाले हैं. इस बल्लेबाज ने भारत के खिलाफ खूब रन बनाए हैं. बहरहाल, चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में ट्रेविस हेड को रोकना टीम इंडिया के गेंदबाजों के लिए आसान नहीं होगा.

टीम इंडिया के खिलाफ लगातार रन बनाते रहे हैं ट्रेविस हेड

आंकड़े बताते हैं कि भारत के खिलाफ ट्रेविस हेड ने 9 वनडे खेले हैं. जिसमें ऑस्ट्रेलियाई ओपनर ने 101.76 की स्ट्राइक रेट और 43.12 की एवरेज से 345 रन बनाए हैं. भारत के खिलाफ वनडे फॉर्मेट में ट्रेविस हेड 1 शतक के अलावा 1 बार पचास रनों का आंकड़ा पार कर चुके हैं. हालांकि, यह देखना मजेदार होगा कि भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में ट्रेविस हेड का प्रदर्शन कैसा रहता है? साथ ही भारतीय टीम के गेंदबाज ट्रेविस हेड के खिलाफ किस रणनीति के साथ उतरते हैं? 

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IND vs AUS: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का सेमीफाइनल, हेड टू हेड कैसा रहा है रिकॉर्ड?

IND vs AUS Head To Head In ODI: आज चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें भिड़ेंगी. दोनों टीमों के बीच मुकाबला दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाएगा. वहीं, भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल भारतीय समयनुसार दोपहर 2.30 बजे शुरू होगा. रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में जगह बनाने के इरादे से मैदान पर उतरेगी. लेकिन टीम इंडिया के लिए यह आसान नहीं होगा. दरअसल, आंकड़े बताते हैं कि वनडे फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम संघर्ष करती रही है.

भारत-ऑस्ट्रेलिया हेड टू हेड रिकॉर्ड क्या है?

अब तक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 151 वनडे खेले गए हैं. जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 84 जीते हैं, जबकि भारत को 57 मैचों में जीत मिली है. इन आंकड़ो से साफ है कि वनडे फॉर्मेट में भारतीय टीम के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के पलड़ा भारी रहा है. हालांकि, चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया का दबदबा रहा है. अब तक चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और ऑस्ट्रेलिया का 2 बार आमना-सामना हुआ है. दोनों बार भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराया है. वहीं, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का एक मैच बारिश की भेंट चढ़ गया.

आईसीसी वनडे इवेंट्स के नॉकआउट मैचों में किसका पलड़ा रहा है भारी?

आईसीसी वनडे इवेंट्स के नॉकआउट मैचों में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें 6 बार आमने-सामने हो चुकी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं आईसीसी वनडे इवेंट्स के नॉकआउट मैचों में किसका पलड़ा भारी रहा है? आईसीसी वनडे इवेंट्स के नॉकआउट मैचों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 3 बार हराया है. वहीं, भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 बार हार का सामना करना पड़ा है. 

बताते चलें कि आज चैंपियंस ट्रॉफी का पहला सेमीफाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाएगा. दोनों टीमों के बीच मुकाबला दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाएगा. वहीं, भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल भारतीय समयनुसार दोपहर 2.30 बजे शुरू होगा.

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