मेरे रोस्टर में नहीं था…, हर्षा भोगले ने खोल दिया बड़ा राज; जानें क्यों नहीं की KKR vs GT मैच में कमेंट्री

Harsha Bhogle, KKR: क्रिकेट की दुनिया के सबसे फेमस कमेंटेटर में से एक हर्षा भोगले पिछले कुछ दिनों से चर्चा में हैं. रिपोर्ट्स आईं कि उन्हें कोलकाता के ईडन गार्डन्स के मैचों में कमेंट्री करने से बैन करने की मांग की गई है. इसके बाद वह केकेआर और गुजरात के मैच में कमेंट्री करते नहीं दिखे. अब उन्होंने खुद बताया है कि वह सोमवार को कमेंट्री क्यों नहीं करते दिखे. 

हर्षा भोगले ने उन अटकलों को खारिज कर दिया है कि उन्हें बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) की शिकायत के कारण सोमवार को कोलकाता नाइट राइडर्स और गुजरात टाइटंस के बीच खेले गए आईपीएल मैच से दूर रखा गया था. उन्होंने कहा कि उन्हें कोलकाता में केवल दो मैचों के लिए पैनल में शामिल किया गया था, जो खत्म हो चुके हैं. 

उनका यह स्पष्टीकरण सीएबी के सचिव नरेश ओझा द्वारा लगभग 10 दिन पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को भेजे गए पत्र के मीडिया रिपोर्टों में सामने आने के एक दिन बाद आया है. पत्र में सीएबी ने भोगले और न्यूजीलैंड के साइमन डूल को कोलकाता में मैचों के लिए कमेंट्री पैनल से हटाने के लिए कहा, क्योंकि इन दोनों ने कहा था कि ईडन गार्डन्स की पिच स्थानीय फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स की मदद नहीं कर रही थी.

भोगले ने एक्स पर पोस्ट किया, “इसको लेकर कुछ अनुचित निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं कि मैं कल के मैच में के लिए कोलकाता में क्यों नहीं था. सीधे शब्दों में कहें तो, यह उन मैचों की सूची में नहीं था जिनमें मुझे कमेंट्री करनी थी. मुझसे पूछने से समस्या का समाधान हो जाता. टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही रोस्टर तैयार कर लिया जाता है. मुझे कोलकाता में दो मैचों के लिए चुना गया था. मैं पहले मैच के लिए वहां था और परिवार के सदस्य की बीमारी के कारण दूसरे मैच के लिए नहीं पहुंच पाया था.”

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ऑरेंज कैप तो गई समझो, ना हंसे-ना रोये, संजीव गोयनका ने बनाया अजीब मुंह; निकोलस पूरन के विकेट पर रिएक्शन वायरल

Sanjiv Goenka Reaction Nichoals Pooran Wicket: लखनऊ सुपर जायंट्स के धाकड़ बल्लेबाज निकोलस पूरन कल तक ऑरेंज कैप की दौड़ में सबसे आगे चल रहे थे. अब महज तीन पारियों ने उन्हें सबसे ज्यादा रन बनाने की रेस में पीछे धकेल दिया है. वो दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में मात्र 9 रन बनाकर आउट हो गए. IPL 2025 में पूरन के कुल रन 377 हो गए हैं, लेकिन साई सुदर्शन (Sai Sudarshan Orange Cap) से अब भी 40 रन पीछे हैं. दिल्ली के खिलाफ मैच में पूरन का विकेट गिरने पर LSG के मालिक संजीव गोयनका (LSG Owner Sanjiv Goenka) का रिएक्शन सुर्खियां बटोर रहा है.

निकोलस पूरन ने 12वें ओवर में अपना विकेट गंवाया. सामने मिचेल स्टार्क घातक गेंदबाजी कर रहे थे. ओवर की दूसरी गेंद पर पूरन ने शॉर्ट गेंद पर पुल शॉट लगाने का प्रयास किया, लेकिन गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर स्टंप्स से जा टकराई. जैसे ही गिल्लियां बिखरीं, वैसे ही संजीव गोयनका के चेहरे की दशा बिगड़ी हुई नजर आई. बता दें कि यह लगातार तीसरा मैच है, जब निकोलस पूरन कोई बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहे हैं. पूरन ने पिछली 3 पारियों में सिर्फ 28 रन बनाए हैं.

संजीव गोयनका को अभी तक कई बार मैचों के बाद ऋषभ पंत से भी बात करते देखा जा चुका है. पंत, जिनकी कप्तानी में अभी तक लखनऊ का प्रदर्शन मिलाजुला रहा है. ऋषभ पंत के व्यक्तिगत प्रदर्शन पर नजर डालें तो ऋषभ पंत ने अभी तक IPL 2025 में खेली 7 पारियों में सिर्फ 106 रन बनाए हैं.

निकोलस पूरन पर नजर डालें तो IPL 2025 की अपनी पहली 6 पारियों में उन्होंने चार अर्धशतक समेत 349 रन बना लिए थे और इस समय तक उनका औसत 69.80 का था. अब 9 पारियों में उनके कुल रन 377 तक ही पहुंच पाए हैं, जिससे उनका औसत नीचे गिरकर 47 पर आ गया है.

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कहां से आती हैं IPL की चीयरलीडर्स? कौन उठाता है कपड़ों का खर्च? जानें सैलरी समेत सबकुछ

Cheerleaders Salary in IPL: IPL में जरूरी नहीं कि गेंद और बल्ले के दम पर ही मैच में रोमांच भरा जा सकता है. किसी भी लाइव मैच के दौरान चीयरलीडर्स की मेहनत मुकाबले में चार चांद लगा रही होती है, वहीं हर एक चौके-छक्के या विकेट पर चीयरलीडर्स द्वारा किया गया डांस मनोरंजन का एक बढ़िया स्रोत साबित होता रहा है. यह बड़ा सवाल बना रहा है कि आखिर आईपीएल में चीयरलीडर कैसे चुनी जाती, उनके कपड़ों का खर्चा कौन उठाता है और उन्हें कितनी सैलरी दी जाती है? यहां आपको इन सारे सवालों का जवाब मिलेगा.

कैसे होता है चीयरलीडर का चयन?

मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार चीयरलीडर की चयन प्रक्रिया बेहद जटिल है. पहले ऑडिशन होता है, फिर आवेदाकों का इंटरव्यू लिया जाता है और स्किल्स का आंकलन करने के बाद ही कोई चीयरलीडर बन पाता है. एक चीयरलीडर बनने के लिए जरूरी है कि आवेदको को डांस करना आना चाहिए, उनकी मॉडलिंग स्किल्स का आंकलन किया जाता है और साथ ही ऐसी परीक्षा भी ली जाती है कि वो स्टेज पर परफॉर्म करने के दबाव को झेल पाते हैं या नहीं.

कौन उठाता है कपड़ों का खर्चा?

ईएसपीएन क्रिकइन्फो पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीयरलीडर जिन कपड़ों को पहनते हैं, उसका खर्चा टीम के स्पॉन्सर उठाते हैं. चीयरलीडर्स की यूनिफॉर्म पर बड़ी कंपनियों के लोगो छपे होते हैं. आमतौर पर टीम मैनेजमेंट भी स्पॉन्सर्स के साथ मिलकर चीयरलीडर्स के कपड़ों को डिजाइन करने में मदद करती है.

कितनी होती है IPL चीयरलीडर्स की सैलरी?

इंडियन प्रीमियर लीग के लीग स्टेज में एक टीम को 14 मैच खेलने होते हैं. यदि कोई चीयरलीडर पूरे सीजन में परफॉर्म करती है तो वह साढ़े 3 लाख रुपये तक की कमाई कर सकती है. वहीं यदि कोई टीम फाइनल तक का सफर तय करती है तो एक चीयरलीडर 4 लाख रुपये तक कमा सकती है.

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लखनऊ को कितना महंगा पड़ रहा ऋषभ पंत का 1 रन? IPL 2025 में संजीव गोयनका को लगा तगड़ा चूना

Rishabh Pant 1 Run Cost: ऋषभ पंत आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स की कप्तानी कर रहे हैं. इस बार लखनऊ के कप्तान कुछ कमाल नहीं दिखा पा रहे. LSG के मालिक संजीव गोयनका ने ऋषभ पंत को एक बड़ी रकम 27 करोड़ रुपये में खरीदा है. लेकिन पंत का लगातार चल रहा फ्लॉप शो संजीव गोयनका के लिए सिर दर्द साबित हो सकता है. केवल ऋषभ पंत ही नहीं, बल्कि पूरी टीम का प्रदर्शन इस आईपीएल सीजन में ऊपर-नीचे जाता नजर आ रहा है.

लखनऊ सुपर जायंट्स का बुरा हाल

लखनऊ सुपर जायंट्स अब तक आईपीएल 2025 में आठ मैच खेल चुकी है. आज मंगलवार, 22 अप्रैल को टीम अपना नौवां मुकाबला खेल रही है. लखनऊ अब तक आठ में से पांच मैचों में जीत दर्ज कर चुकी है, जबकि ऋषभ पंत की टीम को तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा. आठ मैचों के बाद प्वाइंट्स टेबल में LSG पांचवें नंबर पर बनी हुई है. अब तक टीम ने 10 अंक हासिल कर लिए हैं.

ऋषभ पंत का फ्लॉप शो

ऋषभ पंत ने आईपीएल 2025 में खेले गए 8 मुकाबलों में केवल 106 रन ही बनाए हैं. वहीं 9वें मैच में भी पंत बिना रन बनाए ही आउट हो गए. इन 9 मैचों में ऋषभ पंत की औसत 13.25 रन की है. वहीं पंत का स्ट्राइक रेट 96.36 है. देखा जाए तो ऋषभ पंत एक मैच में 15 रन भी नहीं बना पा रहे.

ऋषभ पंत के 1 रन की कीमत?

ऋषभ पंत का आईपीएल 2025 में लगातार चल रहा खराब प्रदर्शन संजीव गोयनका की जेब पर असर डाल सकता है. संजीव गोयनका को ऋषभ पंत का एक रन करीब 25.50 लाख रुपये का पड़ रहा है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह गणना केवल LSG के लिए पंत के खर्च पर आधारित है और इसमें उनकी कुल आय, वेतन और अन्य आय शामिल नहीं है. देखना होगा कि आने वाले मुकाबलों में लखनऊ के कप्तान किस तरह रन बनाते हैं.

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UPSC टॉप करने के बाद क्या बोलीं शक्ति दुबे, बताया किस चीज में है सबसे ज्यादा दिलचस्पी

UPSC Topper Shakti Dubey: संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी का रिजल्ट डिक्लेयर हो चुका है. प्रयागराज की शक्ति दुबे ने इस साल टॉप किया है. उन्होंने यूपीएससी में इस बार पहली रैंक हासिल की है. इतना ही नहीं शक्ति दुबे खुद पढ़ने के साथ-साथ साथ और बच्चों को यूपीएससी की तैयारी करवा रही थीं.

अपनी मेहनत और लगन के साथ जमकर पढ़ाई करके शक्ति दुबे ने यूपीएससी टॉप किया. वह पिछले 7 सालों से यूपीएससी की तैयारी कर रहीं थीं. यूपीएससी टॉपर शक्ति दुबे पहली रैंक हासिल करने के बाद बताया है कि उन्हें किन चीजों में इंटरेस्ट है और किस तरह उन्होंने यूपीएससी की पहली रैंक हासिल की. चलिए आपको बताते हैं.

पांचवे अटेम्प्ट में मिली सफलता

यूपीएससी टॉपर शक्ति दुबे साल 1996 में प्रयागराज में पैदा हुई थीं. यह शक्ति दुबे का पांचवा अटेम्प्ट था. इससे पहले वह लास्ट इंटरव्यू में कट ऑफ मार्क से महज 12 अंकों से चूक गई थीं. लेकिन इस बार जब उन्होंने टॉप किया तो पहली बार में उन्हें भी इस बात का यकीन नहीं हुआ कि वाकई वह टाॅपर बन चुकी हैं. शक्ति दुबे ने बताया कि जब  वह यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं.

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तो उन्होंने बहुत सारी स्ट्रेटजी फॉलो नहीं की उनके मुताबिक बहुत ज्यादा रिसोर्स इस्तेमाल किए जाएं. तो इससे बेवजह कंफ्यूजन क्रिएट होती है.  उन्होंने अपनी तैयारी को लेकर बताया कि उन्होंने पुराने साल के पेपर पढ़े और उनसे तैयारी की. बता दें ने शक्ति दुबे ने वजीराम इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की तो साथ ही वह वहां पर बतौर मेंटर बच्चों को पढ़ाती भी रहीं हैं.

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इन चीजों में है इंटरेस्ट

यूपीएससी टॉपर शक्ति दुबे के पिता यूपी पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर तैनात है. तो वहीं उनकी मां घर को संभालती हैं. शक्ति दुबे ने बताया कि उन्हें क्या-क्या चीज पसंद है. उन्होंने बताया कि जब उन्हें पढ़ाई से खाली वक्त मिलता है. तो वह कविताएं बहुत पढ़ती हैं. उन्हें कविताओं में काफी दिलचस्पी है. सिर्फ कविताएं पढ़ना ही नहीं बल्कि उन्हें कविताएं लिखने का भी काफी शौक है. उन्होंने अपनी एक कविता भी सुनाई जो कि कुछ इस प्रकार है “cracks दीवार की सबसे बड़ी कमजोरी होती हैं ,लेकिन उससे ही रोशनी आती है.” 

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अब CBSE के साथ उड़ान भरेंगे दिल्ली के स्पेशल स्कूल्स, 9वीं में प्रवेश के लिए परीक्षा जल्द

दिल्ली सरकार के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्कूल्स ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (ASoSE) अब एक नए शैक्षणिक अध्याय में प्रवेश करने जा रहे हैं. पहले जहाँ इन स्कूलों में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (DBSE) के तहत पढ़ाई होती थी, अब यहाँ पढ़ाई सीबीएसई (CBSE) बोर्ड के माध्यम से कराई जाएगी. यानी अब दिल्ली के होनहार छात्रों को मिलेगा एक राष्ट्रीय स्तर का शैक्षणिक प्लेटफॉर्म, जो उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं और करियर निर्माण के लिए और अधिक मजबूत बनाएगा.

दिल्ली के ASoSE स्कूल्स कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को उनके रुचि क्षेत्र में विशेष शिक्षा प्रदान करते हैं. यहां दाखिला केवल एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से होता है. जल्द ही 9वीं कक्षा में प्रवेश के लिए परीक्षा की तारीख और गाइडलाइंस जारी की जाएंगी, जिसके लिए छात्र और अभिभावक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

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क्या हैं ASoSE स्कूल्स?

ASoSE, यानी Schools of Specialised Excellence, दिल्ली सरकार की एक विशेष पहल है, जो उन छात्रों के लिए बनाई गई है जो किसी खास विषय में आगे बढ़ना चाहते हैं. यहां पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को विशेष प्रशिक्षण, प्रयोगात्मक शिक्षण और रियल वर्ल्ड एक्सपोजर भी दिया जाता है. उम्मीद जताई जा रही है कि अब CBSE बोर्ड से जुड़ने के बाद इन स्कूलों की मान्यता और छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता को और ऊंचाई मिलेगी.

  • STEM – साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथेमेटिक्स के क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण.
  • ह्यूमैनिटीज – इतिहास, राजनीति, समाजशास्त्र जैसे विषयों पर गहराई से फोकस.
  • परफॉर्मिंग और विजुअल आर्ट्स – नृत्य, संगीत, चित्रकला आदि की प्रोफेशनल ट्रेनिंग.
  • 21वीं सदी की हाई-एंड स्किल्स – कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स जैसी आधुनिक क्षमताएं.
  • सशस्त्र बल तैयारी स्कूल (AFPS) – रक्षा सेवाओं की तैयारी के लिए समर्पित प्रशिक्षण.
  • दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल (DMVS) – ऑनलाइन शिक्षा का सशक्त विकल्प.

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अमेरिका ने लगा दिया 3521 फीसदी का टैरिफ, चीन समेत इन देशों के खिलाफ ट्रंप की कड़ी कार्रवाई

अमेरिका ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए साउथ ईस्ट एशिया के चार देशों से आने वाले सोलर पैनलों पर 3,521 फीसदी तक का भारी-भरकम टैक्स लगाने की घोषणा की है. ये कदम तब उठाया गया जब अमेरिकी सोलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने सरकार से गुहार लगाई थी कि सस्ती कीमतों पर विदेशी कंपनियां उनके बाजार को नुकसान पहुंचा रही हैं.

अमेरिका के वाणिज्य विभाग की एक साल लंबी जांच के बाद ये नतीजा निकला कि चीन की कई कंपनियां कंबोडिया, मलेशिया, थाईलैंड और वियतनाम में उत्पादन कर रही हैं और वहीं से प्रोडक्ट अमेरिका भेज रही हैं, जिससे अमेरिकी उद्योगों को बड़ा नुकसान हो रहा है.

अमेरिका ने उठाया बड़ा कदम

जिन कंपनियों ने जांच में सहयोग नहीं किया, उनके खिलाफ सबसे सख्त कार्रवाई हुई है. जैसे कंबोडिया की कुछ कंपनियों पर 3,521 फीसदी तक का टैक्स लगाया गया है. वहीं, मलेशिया में चीनी कंपनी Jinko Solar के प्रोडक्ट्स पर 41 फीसदी और थाईलैंड में Trina Solar के प्रोडक्ट्स पर 375 फीसदी तक का टैक्स लगाया गया है. अमेरिका का कहना है कि ये कंपनियां सस्ती कीमतों पर प्रोडक्ट भेज रही थीं, यानी ‘डंपिंग’ कर रही थीं, और इसके पीछे चीन की सब्सिडी का बड़ा रोल है.

इस कदम से अमेरिकी सोलर मैन्युफैक्चरिंग को फायदा जरूर मिलेगा. अमेरिकी मैन्युफैक्चरर्स के समूह ‘अमेरिकन एलायंस फॉर सोलर मैन्युफैक्चरिंग’ ने इस फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि ये अमेरिका की घरेलू उत्पादन क्षमता को मजबूत करेगा और ये साबित करता है कि चीनी कंपनियां लंबे समय से सिस्टम का गलत फायदा उठा रही थीं.

सोलर प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ सकती हैं 

2023 में अमेरिका ने इन चार देशों से लगभग 12 अरब डॉलर (करीब 1 लाख करोड़) का सोलर उपकरण इंपोर्ट किया था. इसलिए यह फैसला केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि रणनीतिक भी माना जा रहा है. हालांकि, इसके नतीजे आम उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों पर भी पड़ सकते हैं, जिन्हें अब तक सस्ते सोलर पैनल्स का फायदा मिल रहा था. नई टैरिफ के चलते अब सोलर प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ सकती हैं और इंस्टॉलेशन महंगे हो सकते हैं.

इस फैसले का टाइमिंग भी खास है क्योंकि हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया का दौरा किया है. इस दौरे का मकसद इन देशों से रिश्ते मजबूत करना और अमेरिकी दबाव का मुकाबला करना था. ऐसे में यह फैसला दोनों देशों के बीच बढ़ती व्यापारिक खींचतान की एक और कड़ी बनता नजर आ रहा है.

अमेरिका पहले ही चीन से आने वाले प्रोडक्ट्स पर 145 फीसदी तक का टैक्स लगा चुका है और अब कुछ मामलों में यह टोटल टैक्स 245 फीसदी तक पहुंच सकता है. जवाब में चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 125 फीसदी टैक्स लगा दिया है और “आखिरी दम तक लड़ने” की चेतावनी दी है. साफ है कि ये सिर्फ सोलर एनर्जी की बात नहीं, बल्कि एक नई ट्रेड वॉर की शुरुआत हो सकती है, जिसका असर पूरी दुनिया के ग्रीन एनर्जी सेक्टर पर पड़ेगा.

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HCL Tech Q4 Results: आईटी दिग्गज HCL Tech ने कमाया 4,307 करोड़ का मुनाफा, CEO ने कही बड़ी बात

HCL Tech Q4 Results: देश की बड़ी आईटी कंपनियों में शामिल HCL टेक्नोलॉजीज ने अपनी चौथी तिमाही की कमाई रिपोर्ट जारी की है और इस बार कंपनी के नतीजे मिला-जुला संकेत दे रहे हैं. जहां मुनाफे में बढ़त देखने को मिली है, वहीं आने वाले वित्त वर्ष 2026 (FY26) के लिए रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान कुछ सीमित दायरे में रखा गया है.

कंपनी का कहना है कि FY26 में उसकी आमदनी (Revenue) में 2 फीसदी से 5 फीसदी की बढ़त हो सकती है. HCL Tech ने अपनी सर्विसेज बिज़नेस के लिए भी इसी दायरे में ग्रोथ की बात कही है. इसके अलावा, कंपनी ने EBIT मार्जिन (कमाई में से ऑपरेशनल खर्च घटाने के बाद जो बचता है) को 18 फीसदी से 19 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद जताई है.

HCL ने 4,307 करोड़ का मुनाफा कमाया

अब अगर FY25 की बात करें, तो HCL Tech ने अपनी सालाना ग्रोथ गाइडेंस को पूरा कर दिखाया है. कंपनी ने पूरे साल में 4.7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की, जो कि उसकी दिसंबर तिमाही में दी गई 4.5 फीसदी से 5 फीसदी की गाइडेंस के बीच का आंकड़ा है.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के CEO और MD, सी. विजयकुमार ने कहा कि HCL Tech ने लगातार दूसरे साल अपने साथियों से तेज ग्रोथ हासिल की है. FY25 में हमने डिसिप्लिन के साथ प्रदर्शन किया और 4.7 फीसदी ग्रोथ के साथ अपने लक्ष्य को हासिल किया. HCL Software का बिजनेस भी तेजी से बढ़ा है, जिसमें 3.5 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है.”

चौथी तिमाही में HCL Tech ने 4,307 करोड़ का मुनाफा कमाया है, जो कि पिछले साल की इसी तिमाही के 3,986 करोड़ के मुकाबले 8.05 फीसदी की ग्रोथ है. कंपनी की ऑपरेशनल आमदनी 30,246 करोड़ रही, जिसमें साल दर साल 6.13 फीसदी की बढ़त हुई है.

क्या है भविष्य?

HCL Tech में कर्मचारियों के छोड़ने की दर (Attrition Rate) FY25 के अंत तक बढ़कर 13 फीसदी हो गई, जबकि पिछले साल की चौथी तिमाही में यह 12.4 फीसदी थी. हालांकि, कंपनी ने FY25 में 4,061 नए कर्मचारी जोड़े और कुल कर्मचारियों की संख्या 2,23,420 तक पहुंच गई.

तो कुल मिलाकर, HCL Tech ने इस साल अपनी बातों को हकीकत में बदला है, कमाई बढ़ी है, मुनाफा भी आया है और कंपनी आगे के लिए भी एक व्यावहारिक रुख अपना रही है. हां, ग्रोथ थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन भरोसा और स्थिरता अभी भी इस टेक दिग्गज की पहचान बनी हुई है.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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