Shortcut to 10000 steps per day: बदलती हुई लाइफस्टाइल और खानपान के तरीकों के बीच फिट रहना एक बड़ा चैलेंज बन गया है. खासतौर से सीडेंट्री लाइफस्टाइल अब हेल्थ रिस्क बढ़ा रही है. खासतौर से कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का रिस्क बढ़ता जा रहा है. इसकी खास वजह ही है फिजिकली बहुत ज्यादा इनएक्टिव होना. जो किसी एक देश की नहीं बल्कि दुनियाभर की बड़ी समस्या बन चुका है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक फिजिकली इनएक्टिव होना दुनियाभर में लोगों की मौत का चौथा बड़ा कारण है. इसकी वजह से हर साल 3.2 मिलियन लोगों की मौत होती है. कोविड 19 के दौरान ये समस्या और भी ज्यादा बढ़ गई थी. क्योंकि इस बीच फिजिकल एक्टिविटी के लिए लोगों के पास गुंजाइश ही नहीं बची थी.
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दस हजार स्टेप्स हैं जरूरी?
फिजिकली फिट रहने के लिए रोजोना दस हजार स्टेप्स चलने की सलाह दी जाती है. लेकिन क्या ये वाकई जरूरी है.यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉडी के मुताबिक एक दिन में 3,867 स्टेप्स चलने से भी कार्डियोवस्कुलर डिसीज का खतरा टल सकता है. सिर्फ 2,337 स्टेप्स चलना भी इस बीमारी से मौत के खतरे बचाने के लिए काफी है.
इस नतीजे पर पहुंचने के लिए 17 देशों के 226,889 लोगों से बात कर डाटा तैयार किया गया. जिसके बाद इस नतीजे पर पहुंचना आसान हो गया कि कुछ कम स्टेप्स चलकर भी हेल्थ बेनिफिट्स हासिल किए जा सकते हैं.
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कितनी स्टेप्स से कितना फायदा?
स्टडी के मुताबिक हर रोज हजार स्टेप्स चलने से ही बीमारी की वजह से डेथ रिस्क पंद्रह परसेंट तक कम हो जाता है. उस पर पांच सौ स्टेप्स और चलने से कार्डियोवस्कुलर डिसीज का खतरा सात प्रतिशत तक चल जाता है. स्टडी में सजेस्ट किया गया है कि रोज चार हजार स्टेप्स चलने से ही किसी भी कारण से मौत का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.
साठ की उम्र के बाद 6 हजार से 10 हजार स्टेप्स डेली चलने से मॉर्टेलिटी रेट 42 प्रतिशत तक कम हो जाता है. यंगर एडल्ट्स सात हजार से 13 हजार स्टेप्स तक चलते हैं तो वो इस खतरे को 49 फीसदी तक घटा सकते हैं. ये स्टडी पोलेंड की मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ lodz के कार्डियोलॉजी एक्सपर्ट Maciej Banach और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के प्रोफसेर Banach ने मिलकर की.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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