मां बनने के बाद भी ले रहीं हैं गर्भनिरोधक गोलियां तो हो जाएं सावधान, बढ़ सकता है डिप्रेशन

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Birth Control Pills After Childbirth : अगर आप बच्चे के जन्म के बाद भी गर्भ निरोधक गोलियां (Birth Control Pills) ले रही हैं, तो अलर्ट हो जाइए. क्योंकि इसके खतरनाक असर हो सकते हैं.  हाल ही में हुई एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसके अनुसार, डिलीवरी के बाद गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन डिप्रेशन बढ़ा सकता है.  रिसर्च के मुताबिक, हार्मोन मूड को निर्धारित करने में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं, जो आपके मेंटल हेल्थ को प्रभावित करते हैं.

गर्भनिरोधक गोलियां, जो महिला हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लेवल को कंट्रोल करती हैं, मूड में बदलाव का कारण भी बन सकती हैं. 31 मार्च, 2025 को JAMA नेटवर्क ओपन में पब्लिश एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है.

गर्भनिरोधक गोलियां डिप्रेशन का कारण क्यों

इससे पहले भी कई एक्सपर्ट्स ने यह भी बताया गया था कि हार्मोनल गर्भनिरोधक महिलाओं में डिप्रेशन के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं, लेकिन यह काफी ज्यादा था, जिसमें टीनएजर्स और युवा शामिल थे. हालांकि, इस स्टडी ने अपना ध्यान विशेष रूप से नई-नई मां पर केंद्रित कर दिया, जिन्होंने डिलीवरी के बाद गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल किया हो सकता है. पोस्टपार्टम पीरियड पहले से ही चुनौतीपूर्ण होता है, जो एक महिला की जिंदगी में एक नई शुरुआत करता है. इस अवधि के दौरान कई लोग तनाव और चिंता से जूझते हैं.

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क्या कहती है स्टडी

इस स्टडी में डेनमार्क में पहली बार मां बनने वाली 610,000 से ज्यादा महिलाओं का विश्लेषण किया गया. सेल्फ-रिपोर्ट किए गए डेटा पर आधारित परिणाम से पता चला कि 40% महिलाओं ने बच्चे के जन्म के एक साल के भीतर हार्मोनल गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किया. उनमें से, जिन महिलाओं ने जन्म देने के बाद हार्मोनल गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किया, उनमें डिप्रेशन (Depression) पैदा होने की आशंका 49% ज्यादा थी.

सबसे अहम बात यह है कि समय ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन महिलाओं ने पोस्टपार्टम फेज में पहले इन गोलियां लेनी शुरू की, उनमें उन महिलाओं की तुलना में डिप्रेशन का जोखिम ज्यादा था, जिन्होंने बाद में इनका इस्तेमाल शुरू किया.

कौन सा गर्भनिरोधक ज्यादा असर डालता है

अध्ययन ने हार्मोनल गर्भ निरोधकों को चार हिस्सों में बांटा गया. कंबाइंड ओरल, नॉन-ओरल कॉन्ट्रासेप्शन, प्रोजेस्टोजन सिर्फ पिल्स और नॉन ओरल कॉन्ट्रासेप्शन. प्रोजेस्टोजन-सिर्फ गोलियों का पैटर्न बाकी की तुलना में अलग था, जिसमें शुरुआत में कम रिस्क था, लेकिन बाद में जोखिम का लेवल धीरे-धीरे बढ़ गया. प्रोजेस्टोजन-सिर्फ गोली के लिए, जोखिम एक्सप्रेशन में समय शामिल है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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