India Export to America: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से बचने के लिए कंपनियों में आखिरी समय में एक्सपोर्ट करने की होड़ सी मच गई. इसके चलते भारत को पिछले साल के 437 बिलियन डॉलर एक्सपोर्ट लेवल तक पहुंचने में मदद मिली. आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल भी इस मामले में काफी आगे रहा. ऐसा कहा जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने से पहले अपने गोदामों में स्टॉक भरने के लिए कंपनी ने सिर्फ तीन दिनों में आईफोन और अपने अन्य प्रोडक्ट्स से भरे पांच विमान अमेरिका भेजे.
चीन और भारत से एप्पल ने भेजे अपने सामान
बीते शनिवार को टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एप्पल ने भारत और चीन दोनों देशों से भारी संख्या में शिपमेंट भेजे हैं, जबकि यह एक कम खरीदारी वाला सीजन है. एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट के मामले में भी यही रूझान देखा गया. जेम्स और ज्वैलरी का निर्यात भी इस दौरान खूब बढ़ा.
1 से 4 अप्रैल के बीच मुंबई में कस्टम के लिए कीमती कार्गो क्लीयरेंस सिस्टम के जरिए अमेरिका को रत्न और आभूषण निर्यात लगभग छह गुना बढ़कर 344 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह सिर्फ 61 मिलियन डॉलर था. ऐसा शायद शनिवार आधी रात से लागू हुए 10 परसेंट बेसलाइन टैरिफ से बचने के लिए किया गया. इसी तरह से कपड़ों के शिपमेंट में भी इसी तरह की तेजी आई है.
800 बिलियन डॉलर पार पहुंच सकता है एक्सपोर्ट
मार्च में खत्म हुए वित्तीय वर्ष के दौरान भारत का गुड्स और सर्विस एक्सपोर्ट के 800 बिलियन डॉलर पार पहुंचने की संभावना है. 2023-24 में भारत के गुड्स एक्सपोर्ट में 3 परसेंट की गिरावट आने के बाद टोटल एक्सपोर्ट 778 बिलियन डॉलर तक पहुंचा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल के चेयरमैन किरीट भंसाली ने बताया, ”मार्च के आखिरी हफ्ते में एक्सपोर्ट में जबरदस्त उछाल आया है.”
फियो के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय ने कहा, ”ऐसे सेक्टर्स से एक्सपोर्ट ज्यादा हुआ, जिनमें हवाई मार्ग से अमेरिका में सामान पहुंचाना संभव था. मुझे मार्च 2025 में 40 बिलियन डॉलर से अधिक के एक्सपोर्ट की उम्मीद है.” व्यापार डेटा 15 अप्रैल को जारी होने वाला है.
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