त्वचा पर काले धब्बे आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होते हैं. लेकिन कुछ लोग इससे छुटकारा पाने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं. कुछ लोग कॉस्मेटिक कारणों से लेजर इलाज, माइक्रोडर्माब्रेशन और दूसरी तरीकों से इनसे छुटकारा पाना चुन सकते हैं.त्वचा पर काले धब्बे या हाइपरपिग्मेंटेशन मेलेनिन के अधिक बनने के कारण होते हैं. मेलेनिन आंखों, त्वचा और बालों को उनका रंग देता है.लोग त्वचा पर कुछ प्रकार के काले धब्बों को उम्र के धब्बे या सनस्पॉट कह सकते हैं. ये धब्बे हर व्यक्ति में आकार और मात्रा में भिन्न हो सकते हैं.
दिखने लगते हैं ब्लैक स्पॉट
यदि बॉडी पर ब्लैक स्पॉट दिखाई दे रहे हैं तो उन लक्षणों को पहचानने की जरूरत है. डायबिटीज में मरीज की त्वचा पर काले गहरे धब्बे दिखाई देने लगते हैं. गले या अंडरआर्म में काले पैच बन सकते हैं. इन्हें छूने पर मखमली जैसा महसूस होता है. प्री डायबिटीक होने का संकेत हो सकता है. इसे मेडिकली तौर पर एकैनथोसिस निग्रीकैन्स भी कहा जाता है. ब्लड में इसुलिन की कमी होने पर ऐसा होने लगता है.
स्किन का शुष्क होना
डायबिटीक पेशेंट को बहुत अधिक यूरिन आता है. यूरिन अधिक आने के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या होने लगती है. इससे स्किन बेजान होेने लगती हैं. डायबिटीज होने या उससे पहले स्किन शुष्क होने लगती है. इस कंडीशन में तुरंत जांच कराकर इलाज शुरू करा देना चाहिए.
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लाल, पीले या ब्राउन धब्बे होना
काले धब्बे के अलावा अन्य कलर के स्पॉट भी बॉडी पर देखे जा सकते हैं. डायबिटीज होने पर स्किन पर खुजली हो सकती है. रेड, येलो, ब्राउन धब्बे दिखाई दे सकते हैं. कई लोगों की स्किन पर पिंपल्स टाइप फुसिंया बन जाती हैं. इस कंडीशन को प्री-डायबिटीक कंडीशन कहा जाता है. इसे नेक्रोबायोसिस लिपोडिका भी कहा जाता है. ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करा लेनी चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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