10 सेकेंड में 19 लाख करोड़ स्वाहा, 3300 अंक नीचे गया सेंसेक्स, निफ्टी भी फिसला, ब्लैक मंडे का अंदेशा सही साबित हुआ!

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ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद से लगातार दुनियाभर के शेयर बाजार में कोहराम मचा हुआ है. एक्सपर्ट्स की तरफ से ब्लैक मंडे के अंदेशा के बीच सोमवार की सुबह बाजार खुलते ही सेंसेक्स में करीब 3300 अंक से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. यानी करीब 4.70 फीसदी की नीचे चला गया. जबकि निफ्टी भी करीब 1000 अंक टूटा. बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों की मार्केट कैप 19.39 लाख करोड़ रुपये तक घट गया. यानी निवेशकों की संपत्ति बाजार खुलते ही 19.39 लाख करोड़ रुपये कम हो गई.

 बीएसई सेंसेक्स 3379.19 अंक यानी 4.48 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 72,623 और निफ्टी-50, 1056.05 प्वाइंट्स यानी 4.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 21,848.40 पर है. दूसरी तरफ, एशियाई शेयर बाजारों में भी टैरिफ के चलते भूकंप देखने को मिला, जहां हांगकांग के बाजार 10 प्रतिशत टूटे. वहीं चीन से लेकर जापान के बाजारों में 6 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. अमेरिका में भी भारी गिरावट का दौर जारी है, जहां एसएंडपी और नैस्डैक के शेयरों में 3 प्रतिशत की गिरावट दिखी, जबकि डाओ फ्यूचर्स 900 प्वाइंट्स नीचे आया. जबकि, जापान के निक्केई में मार्केट ओपन होते ही 225 प्वाइंट्स की गिरावट हुई. 

शेयर मार्केट में कोहराम

जबकि, ऑस्ट्रेलिया के एस एंड पी 200 में 6.5 प्रतिशत की गिरावट के सात 7184.70, दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 5.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2328.52 पर रहा. इससे पहले, अमेरिकी नैस्डैक में शुक्रवार को करीब 7 फीसदी की गिरावट पर बाजार बंद हुआ था. हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये गिरावट तो कुछ भी नहीं है, अगर स्थिति नहीं संभली तो अमेरिकी मार्केट का हाल ऐसा हो सकता है, जैसा 1987 में हुआ था.

इससे पहले, अमेरिकी शेयर बाजार में शुक्रवार को लगभग 6 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जो 2020 के बाद से वहां के बाजार के लिए सबसे खराब सप्ताह रहा.मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, ‘‘यह सप्ताह वैश्विक और भारतीय बाजारों के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहने वाला है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के विभिन्न देशों पर  शुल्क लगाया है, जिससे व्यापक व्यापार युद्ध और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाएं बढ़ गई हैं.   सिंघानिया ने बताया कि मार्च के लिए चीन का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) का आंकड़ा गुरुवार को और ब्रिटेन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा शुक्रवार को जारी होगा.

टैरिफ इफैक्ट्स से पस्त बाजार

पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,050.23 अंक या 2.64 प्रतिशत नीचे आया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 614.8 अंक या 2.61 प्रतिशत के नुकसान में रहा.  मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘इस सप्ताह अमेरिकी जवाबी शुल्क की चिंता और क्षेत्र आधारित विशेष शुल्क की घोषणा की संभावना के बीच भारतीय बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहने की आशंका है.’’  

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, नौ अप्रैल को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा होगी. बाजार रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहा है. 10 अप्रैल को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के साथ कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों के सत्र की शुरुआत होगी.’’  उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशक इस सप्ताह जारी होने वाले अमेरिका और भारत के मार्च के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी नजर रखेंगे.   विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार भागीदारों की निगाह विदेशी निवेशकों की गतिविधियों, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी.

इधर, अमेरिकी टीवी पर्सनालिटी और मार्केट एक्सपर्ट जिम क्रेमर ने स्टॉक मार्केट को लेकर काफी डरावना अंदेशा जताया है. उन्होंने कहा कि सोमवार, 7 अप्रैल, 1987 की तरह शेयर बाजार के लिए सबसे बुरा दिन साबित हो सकता है! सीएनबीसी पर अपने शो Mad Money में क्रेमर ने साफ चेतावनी दी कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन देशों से संपर्क नहीं किया जिन्होंने जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं, तो यह 1987 जैसा क्रैश हो सकता है.

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