5 Reasons To Watch Chhaava : विक्की कौशल बॉलीवुड के मोस्ट टैलेंटेड एक्टर्स की लिस्ट में शामिल हैं. विक्की ने अपने अब तक के करियर में की शानदार फिल्में की और अपनी दमदार एक्टिंग की लोहा मनवाया. फिलहाल विक्की कौशल ‘छावा’ से बॉक्स ऑफिस पर दहाड़ रहे हैं. इस फिल्म से विक्की ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की सूची में क्यों शामिल हैं. फिलहाल ‘छावा’ ने साल की सबसे बड़ी ओपनर का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. साथ ही ये विक्की के करियर की भी सबसे बड़ी ओपनर है. इन सबके बीच चलिए यहां जानते हैं आखिर वे कौन सी पांच वजहे हैं जो इसे मस्ट वॉच फिल्म बनाती है.
छावा क्यों देखें?
‘छावा’ हिस्टोरिकल एपिक फिल्म है या यूं कहिए ये एक मास्टरपीस है. इस फिल्म ने रिलीज के पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस हिला डाला और 31 करोड़ के कलेक्शन के साथ ओपनिंग की. फिल्म में कई ऐसी वजहे हैं जिनके चलते इसे थिएटर में देखना जरूरी है.
विक्की कौशल की दमदार एक्टिंग
विक्की कौशल को ‘मसान’ (2015), ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ (2019), ‘सरदार उधम’ (2021) जैसी भूमिकाओं में गहराई से उतरने के लिए जाना जाता है, लेकिन ‘छावा’ में उन्होंने अपने करियर की अब तक की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है. छत्रपति संभाजी महाराज का किरदार निभाना केवल कवच पहनने और तलवार घुमाने के बारे में नहीं है. विक्की ने इस भूमिका में खुद को ढालने के लिए महीनों की मुश्किल ट्रेनिंग ली.उन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग से इस रोल में जान फूंक दी है. जिन लोगों ने फर्स्ट डे इस फिल्म को देखा है उनके विक्की की एक्टिंग, डायलॉगबाजी और एक्शन सीक्वेंस को देखकर रौंगटे खड़े हो गए हैं कई ने इसे विक्की की अवॉर्ड विनिंग परफॉर्मेंस बताया है.
एक योद्धा की कहानी जो बताई जाने लायक है
छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में हम सभी जानते हैं, लेकिन उनके पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है. ‘छावा’ में संभाजी महाराज की सैन्य प्रतिभा, राजनीतिक रणनीतियों और व्यक्तिगत बलिदानों पर गहराई से प्रकाश डाला गया है. इस वीर योद्धा की कहानी जरूर जाननी चाहिए.
जबरदस्त डायलॉग कंपा देंगे रूह
‘फाड़ देंगे मुगल सल्तनत की छाती अगर मराठा साम्राज्य के विरुद्ध सोचने की जुर्रत की’ और ‘मौत के घुंघरू पहनके नाचते हैं हम’ जैसे जबरदस्त डायलॉग इसे मस्ट वॉट बनाते हैं.
शानदार स्टार कास्ट
फिल्म में एक पावरफुल कलाकारों की टोली है, जिसमें औरंगजेब के रूप में अक्षय खन्ना और येसुबाई के रूप में रश्मिका मंदाना ने भी अपने किरदारों में जान फूंक दी है.
शानदार विजुअल और जबरदस्त म्यूजिक
ऐसा लगता है कि यह फिल्म बहुत प्यार और सटीकता से बनाई गई है.शानदार युद्ध सीन और हर फ्रेम दर्शकों को ऐतिहासिक कहानी में गहराई तक उतार देता है. और फिर ए.आर. है रहमान का म्यूजिक फिल्म की जान है. जोश से भर देने वाले युद्ध गीतों से लेकर दिल को छू लेने वाली धुनों तक, आपके दिल में बस जाती है, अकेले साउंडट्रैक ही इसे बिग स्क्रीन पर देखने के लिए काफी है.
लक्ष्मण उटेकर का निर्देशन है शानदार
निर्देशक लक्ष्मण उटेकर के बारे में कहा जाता है कि उनमें कहानी कहने का टैलेंट है. ये उनकी ‘मिमी’ (2021), ‘जरा हटके जरा बचके’ (2023) और ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ (2024) जैसी फिल्मों में देखा जा सकत है. ‘छावा’ में उन्होंने ऐतिहासिक भव्यता को गहरे इमोशनल पलों के साथ जोड़ा है. जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कहानी युद्ध के मैदान से परे भी गूंजती है. छावा के हर सीन को देखकर आप डायरेक्टर की तारीफ ही करेंगे.