डिहाइड्रेशन से बचने के लिए आप भी तो नहीं पीते जरूरत से ज्यादा पानी, ये हो सकती हैं दिक्कतें

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डिहाइड्रेशन से बचने के लिए बहुत अधिक पानी पीते हैं तो हाइपोनेट्रेमिया की परेशानी हो सकती है. इस बीमारी में ब्लड में सोडियम की कमी होने लगती है. जिससे ब्लड पतला होने लगता है. ब्लड में सोडियम का लेवल कम होने के कारण  मतली, उल्टी, सिरदर्द, भ्रम, दौरे और गंभीर मामलों में कोमा या मृत्यु जैसी समस्याएं हो सकती हैं. खासकर यदि आप बहुत अधिक  एक्सरसाइज कर रहे हैं और इलेक्ट्रोलाइट्स को ठीक से नहीं भर रहे हैं.

बहुत अधिक पानी पीने से होने वाली परेशानी

हाइपोनेट्रेमिया:

काफी ज्यादा पानी पीने पर यह चिंता का विषय है. क्योंकि यह रक्त में सोडियम के कम होने के कारण होता है.

लक्षण:
हल्के लक्षणों में मतली, उल्टी, सूजन शामिल हैं, जबकि गंभीर लक्षणों में भ्रम, दौरे और कोमा शामिल हो सकते हैं.

जोखिम में एथलीट:
जो एथलीट भरपूर मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट प्रतिस्थापन के बिना तीव्र व्यायाम के दौरान बड़ी मात्रा में पानी पीते हैं. वे विशेष रूप से हाइपोनेट्रेमिया के प्रति संवेदनशील होते हैं.

अपने शरीर की सुनें
प्यास को एक मार्गदर्शक के रूप में उपयोग करें और केवल निर्जलीकरण को रोकने के लिए ही नहीं बल्कि प्यास लगने पर पानी पिएं.

जरूरत से ज्यादा पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ सकता है और खून में सोडियम के लेवल को कम कर सकता है, जिससे हाइपोनेट्रेमिया नाम की स्थिति पैदा हो सकती है. हाइपोनेट्रेमिया के लक्षणों में- जी मिचलाना, सिरदर्द होना, दुर्बलता, चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में ऐंठन आदि शामिल हैं. 

एक दिन में कितना पानी पीना काफी है? 

इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन ने पानी पीने से जुड़े दिशानिर्देश स्थापित किए हैं. एक हेल्दी व्यक्ति को रोजाना लगभग 9 से 13 कप पानी पीना चाहिए.

ज्यादा पानी पीने के 4 साइड इफेक्ट्स

1. हाइपोनेट्रेमिया

ज्यादा पानी पीने की वजह से बॉडी में सोडियम का लेवल कम हो सकता है. इस स्थिति को ही हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है. दिल और किडनी से जुड़ी परेशानी वाले लोगों को हाइपोनेट्रेमिया का खतरा ज्यादा होता है. 

2. मांसपेशियों में ऐंठन

बीएमजे में पब्लिश एक स्टडी में कहा गया है कि ज्यादा पानी पीने से खून में सोडियम और बाकी इलेक्ट्रोलाइट्स पतला हो जाता है, जिसकी वजह से शरीर में सोडियम का लेवल कम हो जाता है. शरीर में सोडियम का लेवल कम होने के कारण मांसपेशियों में ऐंठन जैसी शारीरिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

3. बार-बार पेशाब आना

ज्यादा पानी पीने से ज्यादा पेशाब आता है. क्योंकि जब आप ज्यादा पानी पीते हैं तो किडनी को लगातार काम करना पड़ता है. इसके अलावा, अध्ययनों से मालूम चलता है कि बार-बार पेशाब आना किडनी पर ज्यादा दबाव का कारण बनता है.

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4. दस्त

ओवरहाइड्रेशन से हाइपोकैलिमिया या बॉडी में पोटेशियम के लेवल में कमी आती है. इसकी वजह से दस्त और काफी लंबे समय तक पसीना आता है. क्लीवलैंड क्लिनिक की वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाइपोकैलिमिया अक्सर सीधे डाइजेशन सिस्टम को प्रभावित करता है. यही वजह है कि उल्टी और दस्त जैसी पेरशानियां पैदा होती हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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