Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का पर्व हिंदू धर्म में खास महत्व रखता है. साल 2025 में बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शु्क्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस पर्व को देशभर में उत्साह के साथ मनाते हैं. यह पर्व बसंत ऋतु के आने का प्रतीक माना गया है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना की जाती है.
भारत में इन पांच जगहों पर बसंत पंचमी पर्व का धूम-धाम से मनाया जाता है. फिर चाहे बंगाल हो या बनारस के घाट या फिर पतंगों से भरा गुजरात हर जगह इस पर्व को लोग अपने तरह से मनाते हैं और इसके रंग मे रंग जाते हैं.
कोलकाता, पश्चिम बंगाल
कोलकाता में बसंत पंचमी के मौके पर भव्य पूजा पंडाल लगते हैं. बंगाल में लगभग हर घर में लोग सरस्वती मां के मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं. इस त्योहार को बंगाली हिंदूओं का प्रमुख त्योहार माना गया है. लोग घर और स्कूल में छात्रों के लिए सरस्वती पूजा रखते हैं.
वाराणसी, उत्तर प्रदेश
शिव की नगरी काशी, बनारस या वाराणसी बसंत पंचमी के इस पर्व को अपने तरह से मनाता है.वाराणसी में इस पर्व के लिए विशेष आयोजन किए जाते हैं. इस पर्व को लोग घाट पर मनाते हैं इस दिन बनारस का दृश्य बदल जाता है. इस दौरान घाटों पर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना और अनुष्ठान किए जाते हैं.
जयपुर, राजस्थान
जयपुर में भी बसंत पंचमी के पर्व की धूम रहती है. इस पर्व को यहां लोग पूरी श्रद्धा भाव के साथ मनाते हैं. मंदिरों को सजाया जाता है और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए जाते हैं.
अहमदाबाद, गुजरात
अहमदाबाद में भी बसंत पंचमी की धूम रहती है. इस खास मौके पर पंतगबाजी का आयोजन किया जाता है. सरस्वती मां की आराधना के साथ इस पर्व की शुरूआत होती है और पंतगबाजी का लोग आनंद लेते हैं. जो इस पर्व को और शानदार बना देता है. इस पर्व को देखने के लिए लोग-दूर-दूर से आते हैं.
दिल्ली
दिल्ली में भी बसंत पंचमी का बहुत महत्व है. इस पर्व को लोग पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं. विभिन्न जगाहों पर भंडारों का आयोजन किया जाता है और मां की आराधना की जाती है. साथ ही पंतगबाजी भी की जाती है.
Shani Gochar 2025: फरवरी में शनि देव बदलेंगे चाल, इन 3 राशियों के अधूरे काम होंगे पूरे
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.