स्टंट कब डाला जाता है? दूर करें एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी का कंफ्यूजन

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Angiography vs Angioplasty vs Bypass Surgery : दुनियाभर में दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत किसी न किसी हार्ट डिजीज (Heart Disease) से हो जाती है. WHO के अनुसार, दुनियाभर में हार्ट डिजीज से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. दिल की धमनियों Coronary Artery) में रुकावट या ब्लॉकेज भी एक ऐसी ही समस्या है.

ऐसा होने पर हार्ट अटैक या गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. इसका इलाज एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी से की जाती है. हालांकि, बहुत से लोगों को ये जानकारी नहीं कि तीनों में कब किसकी जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं इन तीनों में क्या अंतर है और स्टंट की जरूरत कब पड़ती है.

1. एंजियोग्राफी (Angiography)

एंजियोग्राफी एक टेस्ट होता है, जो यह देखने के लिए किया जाता है कि आपकी दिल की धमनियों में कहीं रुकावट तो नहीं है. इस प्रक्रिया में डॉक्टर एक कैथेटर (छोटी ट्यूब) को शरीर में डालते हैं और उसमें एक खास रंग (डाई) भरते हैं, जिससे एक्स-रे के द्वारा धमनियों की तस्वीर ली जा सके. जब सीने में दर्द या दिल की बीमारियां महसूस हो, तो इस टेस्ट से पता चलता है कि दिल की धमनियों में कोई समस्या है या नहीं.

2. एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)

अगर एंजियोग्राफी में यह पता चलता है कि धमनियों में ब्लॉकेज है, तो एंजियोप्लास्टी की जाती है. इसमें डॉक्टर बलून (छोटा बैलून) का इस्तेमाल करते हैं, जिसे धमनियों में डालकर बलून से ब्लॉकेज को खोलते हैं और ब्लड फ्लो को सामान्य करते हैं. जब धमनियों में थोड़ी सी रुकावट हो और बायपास सर्जरी की जरूरत न हो, तो एंजियोप्लास्टी की जाती है. कभी-कभी, एंजियोप्लास्टी के बाद स्टंट (छोटा मेटल ट्यूब) डाला जाता है, ताकि धमनी फिर से सिकुड़े नहीं और ब्लड फ्लो सही रहे. इसे ही स्टंट (Stent) कहा जाता है.

3. बायपास सर्जरी (Bypass Surgery)

अगर ब्लॉकेज बहुत गंभीर हो और एंजियोप्लास्टी से ठीक न हो सके, तो डॉक्टर बाईपास सर्जरी का सुझाव देते हैं. इस सर्जरी में, डॉक्टर एक नई धमनियों का रास्ता बनाते हैं, ताकि ब्लड उसी हिस्से में पहुंच सके, जहां रुकावट है. जब दिल की धमनियों में बहुत गंभीर ब्लॉकेज हो और बाकी इलाज जैसे एंजियोप्लास्टी काम न करें, तब बायपास सर्जरी की जाती है.

स्टंट की जरूरत कब पड़ती है

स्टंट एक मेटल का छोटा ट्यूब होता है, जो एंजियोप्लास्टी के बाद ब्लॉकेज से बचाव के लिए डाला जाता है. जब बलून के द्वारा धमनी खोली जाती है, तो स्टंट उसे खुला रखने में मदद करता है ताकि ब्लड फ्लो सही रहे और धमनी फिर से सिकुड़ न जाए.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें..

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