Premanand Ji Maharaj: दोस्तों और संगत का रंग जल्दी चढ़ जाता है ऐसे में क्या करें, जानें प्रेमानंद जी महाराज से

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Premanand Ji Maharaj Vachan: प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत और विचारक हैं जो जीवन का सच्चा अर्थ समझाते और बताते हैं. प्रेमानंद जी के अनमोल विचार जीवन को सुधारने और संतुलन बनाएं रखने में मार्गदर्शन करते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज से प्रश्न पूछे जाने पर कि दोस्तों का प्रभाव लोगों पर जल्दी पड़ जाता है और पार्टियों में जाना अच्छा लगता है, ऐसे मन का क्या करें. प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि इसका अर्थ है कि आपके अंदर भजन की कमी है. जब भजन आप करेंगे तो आप में क्षमता आ जाएगी. कोई किसी की बहन है, पत्नी है, मां हैं सभी के साथ अलग-अलग संबंध हैं. हमे धर्म युक्त व्यवहार करना चाहिए और किसी से द्वेष नहीं रखना चाहिए. किसी के संग का प्रभाव हमारे ऊपर ना पड़ें. यह तभी हो सकता है जब हम भजन करेंगे और भजन से हमे ज्ञान प्राप्त होगा.

अभी हम अज्ञान की दशा में हैं. अभी मनुष्य को संसार अच्छा लगता है, भोग अच्छे लगते हैं, रिश्ते नाते अच्छे लगते हैं. यह इसीलिए क्योंकि अभी अज्ञान है, इसीलिए नाम जप करें, सत्संग सुने, धर्म आचरण रखें. अगर आचरण अपवित्र हो गए तो भजन में रुचि नहीं रहेगी. 

पापवंत कर सहज सुभाऊ भजनु मोर तेहि भाव न काऊ, अर्थात् पापी मन का स्वाभाव होता जो लोग भजन में रुचि नहीं रखते. पापी का यह सहज स्वभाव होता है कि प्रभु राम भजन उसे कभी नहीं सुहाता.

हमारे शरीर से कोई पाप ना हो, निरंतर नाम जप करें. फिर हमको ज्ञान हो जाएगा कि हमे क्या करना चाहिए. धीरे-धीरे सत्य को पकड़ने की कोशिश करें. पार्टी, खाना, दोस्त यह सब चीजें भम्र है. मन केवल भजन से बदलेगा. हमारा लक्ष्य केवल भगवान होना चाहिए. हर किसी में भगवान का रुप देखें और उनका ही समरण करें.

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