CBSE Board Exam 2025: क्या लीक हो गए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के पेपर? बोर्ड ने जारी किया बयान; अफवाहों के प्रति किया अलर्ट 

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CBSE Board Exam 2025: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो चुकी हैं. परीक्षाओं का आयोजन 4 अप्रैल, 2025 तक होना है. इस बीच कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दावा किया जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक हो गए हैं. इस मामले पर सीबीएसई ने आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें छात्रों व अभिभावकों को ऐसी सूचनाओं के प्रति अलर्ट किया गया है, साथ ही कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. 

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया है कि संज्ञान में आया है कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब, फेसबुक, एक्स पर बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक होने का दावा किया जा रहा है और पेपर्स को लेकर गलत जानकारी शेयर की जा रही है. सीबीएसई ने कहा है कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे ऐसे सभी दावे निराधार हैं और इनका मकसद छात्रों और अभिभावकों के बीच अनाश्यक माहौल बनाना है. 

सीबीएसई ने दी कार्रवाई की चेतावनी

सीबीएसई ने कहा है कि बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक होने वाली सभी सूचनाओं पर नजर रखी जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. सीबीएसई ने अपने बयान में आगे कहा है कि बोर्ड ऐसे अपराधियों की पहचान करके उन पर मुकदमा चलाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है. ऐसी भ्रामक सूचनाएं फैलाने वाली गतिविधियों में शामिल असामाजिक तत्वों को भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत परिणाम भुगतने होंगे. 

सीबीएसई ने दिया निष्पक्ष परीक्षाएं आयोजित कराने का आश्वासन

सीबीएसई के सभी छात्रों और अभिभावकों को निष्पक्ष और नकलविहीन परीक्षाएं कराने का आश्वासन दिया है. साथ ही अपील की है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए जा रहे दावों पर विश्वास न करें और किसी तरह के भ्रम में नहीं आएं. बोर्ड की ओर से परीक्षाओं को सुचारू रूप से आयोजित कराने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. 

मिल सकती है ये सजा 

बता दें, सीबीएसई के अनुचित साधनों के खिलाफ नियमों के अनुसार, परीक्षाओं को लेकर अफवाह फैलाने वाले छात्रों को सजा भी हो सकती है. नियम के अनुसार, सोशल मीडिया परीक्षा संबंधी कोई भी सामग्री साझा करना व झूठे दावे करना अपराध की श्रेणी में आता है. अपराध सिद्ध होने पर इस गतिविधि में शामिल छात्रों को वर्तमान और अगले 3 सालों तक सभी विषयों की परीक्षाओं में बैठने से रोका जा सकता है.

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