Budget 2025: सरकार गिग वर्कर्स के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम को अंतिम रूप दे रही है. इसे जल्दी ही कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. अगर इस पर बात बन जाती है तो इससे भारत के बढ़ते गिग वर्कफोर्स को सिक्योरिटी मिलेगी.
प्लेटफॉर्म से लिया जाएगा इतना कंट्रीब्यूशन
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दी गई जानकारी के मुताबिक, श्रम मंत्रालय की गिग वर्कर्स एसोसिएशन, ऑनलाइन एग्रीगेटर्स और राज्य सरकारों के साथ बातचीत चल रही है और योजना को अंतिम खाका पहनाया जा रहा है. यह स्कीम गिग वर्कर्स की दैनिक कमाई के आधार पर हर प्लेटफॉर्म से 1-2 परसेंट के कंट्रीब्यूशन पर आधारित होगी.
बजट में वित्त मंत्री ने किया था जिक्र
1 फरवरी 2025 को पेश हुए बजट में हुई घोषणा के मुताबिक, हर गिग वर्कर्स को श्रम मंत्रालय के ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड किया जाएगा और उन्हें 12 अंकों का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) दिया जाएगा. इसके आधार पर उनकी पहचान की जाएगी और जिस भी प्लेटफॉर्म पर वे काम करते हैं, उनसे कंट्रीब्यूशन लिया जाएगा. इस योजना के तहत कर्मचारी को भविष्य निधि और पेंशन का लाभ मिलेगा. हालांकि, यह अभी तय नहीं हुआ है कि प्लेटफॉर्म से कितना अंशदान काटा जाएगा, लेकिन यह 1 से 2 परसेंट के बीच हो सकती है.
बढ़ती जा रही है गिग वर्कर्स की संंख्या
अगर कोई गिग वर्कर्स भविष्य में कभी रेगुलर नौकरी में जाने का मन बनाता है, तो योजना के तहत उसके सोशल सिक्योरिटी अकाउंट को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत उसके अकाउंट से जोड़ दिया जाएगा. नीति आयोग ने अनुमान लगाया था कि 2020-21 में भारत में लगभग 7.7 मिलियन गिग वर्कर्स थे, लेकिन अब तक उनकी संख्या बढ़कर 10 मिलियन से अधिक हो गई है. इस योजना से गिग वर्कर्स को मदद मिलने की उम्मीद है, जिन्हें न तो सैलरी मिलती है और न ही किसी तरह के भत्ते का भुगतान किया जाता है. बजट में सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत गिग वर्कर्स को शामिल करने की भी घोषणा की गई है.
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